Saturday, July 26, 2008
हल्ला बोल
पूरी दुनिया ने देखा होगा कीस तरह से पैसे लहराए गए संसद में... वैसे तो इस जगह को पाक समझा जाता है मगर सच्चाई क्या है ये हमें पता है... फिर भी हम चुप हैं क्यों... क्योंकि आप और हम नपुंसक हो चुके है... आवाज उठा नही सकते क्योंकि इसी संसद में कई क्रिमिनल भी बैठे हैं... महात्मा गांधी अगर आज होते क्या करते... शायद खुदकुशी कर लेते...
लोकतंत्र के नाम पर रोज ये नेता हमें नसीहत देते हैं... मैं तो समझ क्या लोकतंत्र का सच मगर आपके और हमारे बच्चे इसे किस रुप में लेते हैं ये भी समझ लिजिए... कल अगर आपका बच्चा कुछ ऐसी हरकत करता है और पुछे जाने पर इनका हवाला देता है तो चौंकिएगा मत क्योंकि ऐसे लोगों को हमने ही तो देश की तकदीर तय करने के लिए भेजा है... परमाणु डिल के मुद्दे पर हम अमरीका के साथ जबरन जाने को मजबुर हैं क्योंकि सरकार नें विश्वासमत हासील कर लिया... भिखारी तो हमसब पहले से ही बन चुके हैं वर्लड बैंक के सामने अब शक्ति जो की हमने काफी मेहनत के बाद हासील की है वो अमरीका के सामने गिरवी है...
अरे भाईसाहब अमरनाथ, बाबरी मस्जीद मामला तो हम बैठ के सुलझा लेगें क्योंकि ये हमारा अंदरुनी मसला है, घर का मामला है मगर परमाणु डिल के लिए कुछ किजिए... नही तो आने वाला कल कैसा होगा आप भी जानते है और अगर नही जानते हैं तो अबतक जान लेना चीहिए.
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