Saturday, August 2, 2008
सूषमा मैडम की राजनीत....
खैर चलिए छोडिए, उमा भारती को... उनकी नाराजगी जायज भी है आखीर सबने उन्हे छोड दिया है ... समझा किजिए भाई लेकिन भाई ये सुषमा स्वराज को क्या हो गया है... जनता हैरान... नेता हैरान और एनडीए परेशान... उन्हे भी मुंह की खानी पडी... मेरे पिता अक्सर कहा करते हैं की देखने में दिमाग से तेज लगना और वाकई में तेज होना दो अलग बाते हैं... अगर वो चुप ही रहती तो लोग उन्हे तेज नेताओं की गिनती में ही रखते मुंह जो खोला सारे पोल खुल गए... ना ना ये मैं नहीं कह रहा हुं ये तो खुद उनकी एनडीए कह रही है भाई... मिडिया को क्या लेना देना हम तो वही दिखाते हैं जो होता है... नारायण नारायण....सूषमा जी एक काम किजिए कुछ दिनों के लिए किसी से टयूशन ले लिजिए शायद सोनीया गांधी ठीक रहेंगी आपको पढाने के लिए... या फिर अमर सिंह भी तो बुरे नहीं हैं... अरे आपतो नाराज हो गई मैडम मैं तो बस एक नागरीक के तौर पर आपको सुझाव दे रहा था आप तो नाराज हो गईं... खैर आपकी मर्जी... अरे हां एक बात तो बताना भुल ही गया शायद आपका नाम कानपुर सीट के लिए तय कर दिया गया है और अब श्री प्रकाश जयसवाल आपके खिलाफ चुनाव लडने में शर्म महसुस कर रहे हैं... खैर आप लोग आपस में समझ लिजिएगा... हम वहीं कहीं कोने में अपने कैमरे लेकर मौजुद रहेंगे...
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2 comments:
जनाब सुषमा जी पर इतने नाराज मत होइए. कभी-कभी दूर की गोटी भी असरदार वार कर जाती है. आतंकवाद पर कांग्रेस की नियत पर तो हमें भी शक है. वह उसे दूर न करके अपने फायदे के लिए इस्तेमाल भी कर सकती है. और सच पूछिए कर भी रही है. आतंकवाद पर नरमी दिखाकर मुसलामानों के वोट इकट्ठे करने की कोशिशें क्या आपको नजर नहीं आ रहीं? ऐसे ही कोई एक सजायाफ्ता आतंकवादी को अपना दामाद नहीं बना लेता.
धन्यवाद,मजा आ गया
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