Friday, October 24, 2008

जिम्मेदार कौन !

मैं बहुत ज्यादा तु तु मैं मैं के चक्कर में पडना नही चाहता ... एक तो हम महाराष्ट्र में पिटे फिर घर लौटकर अपने ही घर को तबाह कर दिया... रह गए जाहील के जाहील... गुस्सा कहीं दिखाना चाहिए था दिखा कहीं रहे हैं... खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे... पिटे मुंबई में और पिट रहे हैं बिहारीयों को... क्या तमाशा है... बिहार अपने ही लोगों के बेवकुफीयों की वजह से बदनाम है ... सब थू थू कर रहे हैं हमपर... राज ठाकरे का जो होना है वो तो अलग बात है पर जिस तरह से हम आवाज उठा रहे हैं वो क्या सही है ... और हमारे इसी करतुतों की वजह से कई बिहारी नेताओं को मौका भी मिल गया सियासत करने का... कोई ट्रेन के इंजन को लेकर भाग रहा है तो कोई ट्रेन की बौगी में ही आग लगा रहा है परेशानी किसे हो रही है आम जनता को वो जनता कई अरसे बाद अपने परिवार के साथ पर्व मनाना चाह रही है ... कौन जिम्मेवार है इसके लिए ... क्या नेता जी नही हम खुद अपनी बर्बादी के लिए जिम्मेदार हैं और बाद में रोते फिरेंगे अपनी हालत पर । जैसी है ठीक है ऐसे जाहीलों की हातल कौन सुधार सकता है कोई नही ...
मेरी बात तो बहुतों को बुरी लगेगी मगर क्या जो मैं कह रहा हुं वो गलत है ... बुरा लगे तो लगे पर हम खुद ही हर जगह से गाली सुनने का काम करते हैं ... लडाई लडने का जो तरीका है वो बिलकुल गलत है ...
ठीक ही सब हमें बिहारी या नाली के किडे कहते हैं... और ये नेता हैं पहले तो बडी बडी बातें कर रहे थे जी आपने ठीक समझा मैं लालू प्रसाद यादव के बारे में ही कह रहा हुं... पहले तो डिंगे हांक रहे थे की छठ मुंबई में मनाएंगे पर जब बारी आई तो डर के मारे बील में छुप गए कहां थे वो जब हम पिट रहे थे... किया तो कुछ भी नही मगर वोट लेने के वक्त पहुंच जाएंगे वोट मांगने... सब बडे नेता बनते हैं चाहे वो लालू हों या नितीश मगर समय पर सब के सब गायब।
मैं विनती करता हुं बिहारीयों जरा सोचों तुम क्या कर रहे हो... किसे तकलीफ पहुंचाया है तुमने खुद अपने ही लोगों को पवन की मौत का बदला गलत लोगों से ले बैठे यार ...

2 comments:

Dileepraaj Nagpal said...

koyi sunne ko taiyar nahi hai sir, sabhi ko es aag m rotiyan sekni hai

Gajendra said...

bilkul sahi likha aapne.