Wednesday, September 24, 2008

घर बचाओ भाई... सियासत मत करो

बात चाहे जो हो हमारी देश की एजेंसीयां जांच कर रही हैं... मगर जामीया मिलीया यूनिवर्सिटी के कुलपति ऐसा नही चाहते हैं... किसे बचाने की कोशीश कर रहे हैं वो क्यो वो ये चाहते हैं इस देश की जमीन पडोसी मुल्क के इशारे पर लाल होती रहे... हम जैसे लोग मरते रहें... मैं ये नही कहता की सारे गलत हैं मगर जामिया नगर का उस इलाके में ऐसे मंसूबे पालने वाले और लडकों को भडकाने वालों की कमी नही है... मुस्लमान लडके वहां कमरा लेकर पढते हैं कमरा सस्ता मिल जाता है खाने पिने का सामान सस्ता मिलता है शायद यही वजह है देश के कोने कोने से आने वाले छात्र इस तरह के इलाकों को चुनते हैं मगर ऐसे लडकों की तालाश में आखें फाडे इन आतेकीयो के दलाल ऐसे लडको के सामने चारा फेंकते हैं और फंसा लेते हैं...
अब आज ही की बात ले लिजिए हमारे एक सहयोगी जामिया गए थे कुलपति का इंटरवियू करने मगर उन्हे मां बहन की गाली सूनकर वापस लौटना पडा... और गांलीयां देने वाले यबनिवर्सिटी के छात्र ही थे.. सिर्फ यही नही ... एन्काउंटर वाले दिन भी पत्रकारों के साथ जो हुआ वो ठीक नही था... उधर गोलियां चल रही थी और इधर पत्रकार गालीया सुन रहे थे... एक पुलिस वाला मारा गया मगर एक भी ऐसा शख्स नही था जिन्होने दिल्ली में होने वोले आतकी हमले के खिलाफ कुछ बोला हो... बल्कि आज क्या हो रहा है पुलिस पर ही लोग आरोप लगा रहे हैं... छी छी ... ये कैसे लोग हैं ये कौन लोग हैं जो इस देश की मिट्टी में जन्म लेने के बाद भी पडोसी मुल्क का ही गुनगान करते हैं...
सरकार भी सोई हुई है... सबकुछ जानते हुए भी चुपचाप तमाशा देख रही है... कोई पॉलिसी ही नही है... अमरीका जिससे हाथ मिलाने को सरकार बेचैन है उससे ही सबक सिखे... वर्लड ट्रेड सेन्टर पर हमले के बाद अमरिका ने रातो रात अफगानिस्तान पर हमला कर दिया मगर हम पता नही क्यों चुप हैं... इस देश में एक आंदोलन की सख्त जरुरत है और इसकी शुरुआत जल्द ही शुरु करनी चाहीए... क्योंकि लडाई अगर अब नही शुरु हुआ तो फीर कभी नही शुरु हो पाएगा... और इसमें हम सबको चाहे वो हिंदु हो , मुस्लमान हो कोई भी हो साथ में हाथ मिलाकर आगे बढे... अपने घर को बचाएं